*सूफियाना रंगों में डूबी धार उर्स में कव्वाली की महफिल बाबा कमाल के आस्ताने पर गूंजे अमीर खुसरो के रूहानी तराने*
धार।
शहंशाहे मालवा हजरत मौलाना ख्वाजा कमालुद्दीन चिश्ती के सालाना 694 वें उर्स की पहली रात स्थानीय कव्वालों के नाम रही जिसमे हजरत अमीर खुसरो सहित नामी शायरों के कलाम नात ओर गजल पेश किए गए।
उर्स की महफिल की शुरूआत पारंपरिक रूप से नबी की शान में पेश की गई नात से हुई जिसके बाद कव्वालों ने एक से बढ़कर एक सूफियाना कलाम पेश किए। अस्ताने के पगड़ी बंद कव्वाल नाहर खा निसार खा शमशेर खान के पोते जफर शादाब कव्वाल जावरा ने की।उन्होंने पढ़ा “जिंदगी की कसम जिंदगी आप हैं जिससे जिंदा हूं मैं वह खुशी आप है” जिससे पूरा माहौल सूफियाना रंगों से महक उठा।
उनके बाद यूसुफ फारूक कव्वाल जावरा ने बाबा की शान में अपनी अकीदत पेश करते हुए पढ़ा बाबा कमाल आपकी अता भी अजब बेमिसाल है निस्बत से तेरे दर का गदा मालामाल है।
अंत में प्रसिद्ध कव्वाल नदीम जाफर इकबाल वारसी जयपुर ने नबी की शान में नात मदद फरमाईये आका खुदार ओर शानदार गजल इश्क में तेरे कोहे गम पढ़ कर अकीदतमंदों व श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया देर रात तक कव्वाली का सिलसिला जारी रहा।
इस दौरान उर्स कमेटी के अध्यक्ष सुहेल निसार एडवोकेट सचिव कारी रफीउद्दीन सैयद जावेद अंजुम एडवोकेट खजांची अब्दुल सलाम लल्ला रहमान बेग सेंडो एजाज खान नाजिम शेख विक्की सैयद साबिर खान एफएम शेख जुल्फिकार उद्दीन शफीक मंसूरी गुलरेज मंसूरी हीरू हबीब उल्लाह मोनू मोइनुद्दीन बाबर नदीम कुरैशी जावेद बाबा वारसी सहित
महफिल में दूर-दराज से आए जायरीनों ने भी बढ़-चढ़कर शिरकत की और पूरी रात रूहानी वातावरण में इबादत दुआ और मोहब्बत का सिलसिला चलता रहा।









