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कुटुम्ब न्यायालय धार के प्रकरण मेें आपसी सहमति से हुआ राजीनामा।

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प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय की पहल से, बिखरता हुआ परिवार हुआ एक- दो वर्ष बाद पति पत्नी साथ रहने हुए राजी-
कुटुम्ब न्यायालय धार के प्रकरण मेें आपसी सहमति से हुआ राजीनामा। आवेदिका श्रीमती सोनाबाई पति देवकरण निवासी- सागौर, जिला धार एवं अनावेदक देवरकण द्वारा विगत 02 वर्षो से पृथक-पृथक निवास किये जाने के मामले मेें विधिक सहायता की मांग करते हुए कार्यालय-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धार में पति से समझौता करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, किन्तु आवेदिका के पति के अनुपस्थित रहने पर श्रीमती सोनाबाई को विधिक सहायता योजना के अंतर्गत उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करते हुए पैनल अधिवक्ता श्री अशोक चौहान, को नियुक्त किया गया, अधिवक्ता द्वारा आवेदन माननीय कुटुम्ब न्यायालय धार के समक्ष पेश किये जाने पर भरण पोषण के मामले में दिनांक 06.03.2024 को माननीय कुटुम्ब न्यायालय के प्रकरण में माननीय न्यायालय -प्रधान न्यायाधीश महोदय, कुटुम्ब न्यायालय, धार के द्वारा आवेदिका व उसके दोनो बच्चे को 6,000/-प्रतिमाह भरण-पोषण प्रदान करने का आदेश किया गया था, जिसमें बजावरी/वसूली प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय में लगाये जाने पर माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान संजीव कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित की गयी नेशनल लोेक अदालत की खण्डपीठ क्रमांक 01 की पहल पर उभयपक्षों को समझाईश दिये जाने पर 02 साल से अलग रह रहे पति पत्नी साथ रहने के लिये खुशी-खुशी राजी हो गये है। इस प्रकार एक परिवार टूटने से बच गया, व वैवाहिक प्रकरणों से उद्भूत होने वाले भविष्य में निर्मित हेाने वाले कई मामलों का भी पटाक्षेप हो गया व वसूली कार्यवाही भी आपसी सहमति से समाप्त हो गयी। पीठ के अध्यक्ष महोदय माननीय श्रीमान संजीव कुमार अग्रवाल, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय धार एवं श्रीमान प्रदीप सोनी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धार के समक्ष दोनो पक्षों ने एक दूसरे को हार पहनाकर साथ-साथ रहने का वादा करते हुए समझौते से प्रकरण को समाप्त किया।