धार उर्स में रूहानियत के साथ बहा गंगा जमुनी तहजीब का रंग, असम से आए महाराज सहाब की विशेष मौजूदगी रही
प्रसिद्ध कव्वाल रईस अनीस साबरी सहित कव्वालों ने मचाई धूम हजारो अकीदतमंद हुए शामिल
धार।
हजरत मौलाना कमालुद्दीन चिश्ती के ऐतिहासिक 694 वें सलाना उर्स के मौके पर धार एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द गंगा जमुनी तहजीब और सूफियाना रंग में सराबोर नजर आया।
उर्स के दौरान आयोजित कव्वाली की महफिल में देश के मशहूर कव्वाल रईस अनीस साबरी ने अपनी दमदार और रूहानी आवाज से ऐसा समां बांधा कि देर रात तक श्रोता झूमते रहे।
तोरे बड़े अहसान है मुझ पर बाबा कमालुद्दीन व ख्वाजा महाराजा मोइनुद्दीन जैसे कलामों पर वाह-वाह और सुब्हानअल्लाह की सदाएं गूंजती रहीं।
हैदराबाद से आए अतीक हुसैन बंदानवाजी कव्वाल बदायूं के जुनैद सुल्तानी व प्रसिद्ध कव्वाल हाजी मुकर्रर वारसी ने हजारो अकीदतमंदों को सर्द मौसम में भी अपने कलामों से महफिल में जमाए रखा।
उर्स की महफिल में असम से पधारे नाथ जी महाराज सहाब व लाल बाबा महाराज व उनके शिष्यों की विशेष मौजूदगी रही जिनकी शिरकत ने उर्स में गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी सौहार्द का खूबसूरत संदेश दिया। महाराज ने सूफी संतों की शिक्षाओं को आज के दौर में बेहद प्रासंगिक बताते हुए प्रेम भाईचारे और इंसानियत का पैगाम दिया।
उर्स कमेटी के अध्यक्ष सुहेल निसार ने बताया कि कव्वाली ओर मेले के दौरान सभी धर्मों के जायरीनो अकीदतमंदों व श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हर आयु वर्ग के लोग सूफियाना रंग में डूबे नजर आए। उर्स कमेटी और पुलिस व प्रशासन की ओर से बेहतर इंतजाम किए गए जिससे महफिल व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुई।
धार उर्स की यह कव्वाली महफिल न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी बल्कि सांस्कृतिक एकता और सूफी परंपरा की जीवंत मिसाल भी पेश कर गई।।
इस दौरान उर्स कमेटी उपाध्यक्ष शेख इफ्तेखार उद्दीन सचिव कारी रफीउद्दीन सैयद जावेद अंजुम खुसरो आलमगीर अहमद बख्तियार अहमद निसार नवाब खान अब्दुल सलाम लल्ला कलीम बागवान नाजिम शेख विक्की सैयद साबिर खान एफएम मो.इरफान शेख अजीज खान शफीक मंसूरी गुलरेज मंसूरी हबीबउल्लाह खान मोनू बाबर नदीम कुरैशी सहित बड़ी संख्या में उर्स कमेटी के पदाधिकारी मौजूद रहे।









