
धार नगर पालिका का भ्रष्टाचार,अनियमितता का मामला विधानसभा पहुंचा प्रतिनिधि,प्रवक्ता ठाकुर
धार निप्र:- धार नगर पालिका परिषद जिला मुख्यालय की नगर पालिका होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता के नए नए आयाम गढ़ती जा रही है और वह भी तब जब जिले के प्रभारी मंत्री प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री होकर जिलाधीश सहित समस्त जिला अधिकारी यहा निवासरत रहते है।

उक्त बात नेता प्रतिपक्ष प्रतिनिधि,जिला प्रवक्ता,पार्षद प्रतिनिधि अजय डॉ मनोहर सिंह ठाकुर (एडवोकेट) ने कहते हुए बताया की धार नगर में भाजपा की परिषद होकर विधायक,सांसद,प्रदेश सरकार सब भाजपा की होने के बावजूद भी धार में न विकास हो पा रहा है नहीं आम जनता के काम,यहा हो रहा है तो सिर्फ उदघाटन कार्यक्रम में एक दूसरे को निचा दिखानेनका काम।यहा इन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं है।जिसका फायदा सीधा सीधा अधिकारियों द्वारा उठाते हुए भ्रष्टाचार आर्थिक अनियमितता की जा रही है ।
प्रतिनिधि,प्रवक्ता ठाकुर ने कहा की जिसकी शिकायत कई बार कांग्रेस पार्षद दल द्वारा नगर पालिका अधिकारी को करते हुए परिषद में भी आवाज उठाई गई और इनके द्वारा जब सुनवाई नहीं की गई तो जिलाधीश को भी कई बार जनसुनवाई में अवगत कराया गया किंतु इस धार में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत सिद्ध हो रही है। ऐसी ही 10 समस्याओं का मांग पत्र पार्षद दल ने मुख्य नगर पालिका को सौंप जांच दल बनाने की बात की गई थी जो इनके द्वारा नहीं सुनने पर जनसुनवाई में जिलाधीश को आवेदन दे कर जांच दल बनाकर निष्पक्ष जांच हेतु निवेदन किया गया था ।किंतु इतने गंभीर विषय पर भी किसका कोई ध्यान नहीं होने से परेशान हो उक्त समस्या से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार जी को अवगत कराया गया जिस पर उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए आगामी विधासभा के सत्र में जागरूक विधायक सचिन यादव से ध्यान आकर्षण सूचना लगवाते हुए,प्रमुख सचिव के माध्यम से संबंधित विभाग के मंत्री महोदय से धार नगर पालिका में अधिकारी/कर्मचारी द्वारा राजस्व हानि पहुंचाते हुए पुराने वाहनों की पार्ट्स चोरी,जल वितरण में लापरवाही, वाहन रिपेयरिंग एवं सामग्री खरीदी में एव फर्जी बिल भुगतान में व्याप्त अनियमितताओं सहित कई मामलों में किए जा रहे भ्रष्टाचार पर संबंधित अधिकारी से जवाब मांगा गया है ।जिससे इस अनियमितता पर रोक लगते हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।
ठाकुर ने आगे कहा की इसके बाद भी अधिकारियों पर अंकुश न लगते हुए नगर की हालत नहीं सुधारी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।









