जिले में उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा भगवान बिरसा मुंडा जयंती व जनजातीय गौरव दिवस यात्रा
जिलों के 13 विकास खंडो व जनजातीय विधानसभाओं से गुजरेगी जनजातीय गौरव यात्रा
जनजातीय गौरव दिवस पर होगा आदिवासी प्रतिभाओं का सम्मान -सरदार सिंह मेड़ा

धार । भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जन्मदिवस पर जनजातीय गौरव यात्रा को लेकर भाजपा कार्यालय में शनिवार को पत्रकार वार्ता आयोजित की गई जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष महंत निलेश भारती जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा अभियान टोली संयोजक राकेश पटेल विधानसभा संयोजक मोहन पटेल भाजपा जिला मीडिया प्रभारी संजय शर्मा मौजूद रहे।
भाजपा जिलाध्यक्ष महंत निलेश भारती ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जन्मदिवस पर जिलों के 13 विकासखंडो व जनजातीय विधानसभाओं से यह जनजातीय गौरव यात्रा गुजरेगी । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर जिले में भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और मध्यप्रदेश सरकार, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तथा समाज जन उत्साहपूर्वक इस समारोह को मनाएंगे। वहीं,जनजातीय गौरव यात्राओं के समापन समारोह से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी जुड़ेगे। यात्राओं का समापन 15 नवंबर को जबलपुर और अलीराजपुर में होगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा ने कहा कि 11 नवंबर 2025 से यात्राओं का विधानसभावार प्रारंभ होगा। यात्राओं में चौपाल का आयोजन किया जाएगा । यात्राओं का रात्रि विश्राम गांवों में होगा। यात्राओं में आयोजित सभाओं में प्रबुद्धजनों एवं छात्र-छात्राओं का सम्मान। 13 नवंबर 2025 को सभी महापुरूषों के स्थलों पर साफ-सफाई दीप प्रज्जवलन किया जाना है।
25 साल के जीवन में देश-समाज को दिशा दे गए भगवान बिरसा मुंडा
अभियान टोली संयोजक राकेश पटेल ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को एक किसान परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा पहले एक मिशनरी स्कूल में हुई, लेकिन बाद में जब उन्हें लगा कि उनकी शिक्षा सही दिशा में नहीं है, तो वे अपने पारंपरिक धर्म की ओर लौट आए। उन्होंने देखा कि आदिवासियों का सामाजिक और आर्थिक शोषण हो रहा है। हमारे सांस्कृतिक ताने-बाने पर हमले हो रहे हैं, तो उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया। उन्हें सन् 1900 में गिरफ्तार कर लिया गया और गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। भगवान बिरसा मुंडा सिर्फ 25 साल जीवित रहे, लेकिन इतनी कम आयु में उन्होंने देश और समाज को नई दिशा दी। उन्होंने आदिवासी समाज के सुधार के लिए शराबबंदी, चोरी न करने और झूठ से दूर रहने जैसे अनेक नियम बनाए। उनके संघर्ष, त्याग और बलिदान को सम्मान देते हुए आदिवासी समाज के लोग उन्हें ‘धरती आबा’ यानी धरती के भगवान या पिता के रूप में पूजते हैं। उक्त जानकारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी संजय शर्मा ने दी।









