दवा दुकानों से हर हाल में हटाया जाए , किसी भी तरह का छूट डिस्काउंट संबंधी बोर्ड, नहीं तो दवा दुकानों पर होगी कार्रवाई ।
धार , धार जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. अशोक शास्त्री एवम सचिव आशीष बांगर ने बताया कि अब दवा दुकानों में किसी भी तरह डिस्काउंट संबंधी बोर्ड लगाना अवैधानिक हो गया है । मध्यप्रदेश राज्य फॉर्मेसी कौंसिल ने डिस्काउंट संबंधी बोर्ड लगाने को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है । विगत दिवस आल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन की बैठक संपन्न हुई जिसमे सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि उपभोक्ताओँ को आकर्षित करने के लिए कुछ दुकानदार डिस्काउंट के बोर्ड ऐवम विज्ञापन सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रदर्शित करते रहते हैं । जो फॉर्मेसी अधिनियम 1948 के तहत ऐक्ट की धारा 7 व 8 के अंतर्गत दवाइयों के विक्रय में दिया जाने वाला प्रलोभन व छूट ( डिस्काउंट ) का विज्ञापन देना व बोर्ड प्रदर्शित करना न केवल अवैधानिक है बल्कि दवा व्यवसाय की गरिमा को भी ठेस पहुँचाने का प्रयास करता है ।
डॉ. अशोक शास्त्री और बांगर ने बताया कि पंजीकृत फार्मासिस्ट के द्वारा उक्त नियमों का उल्लंघन करने पर मध्य प्रदेश फ़ार्मेसी कॉन्सिल उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती हैं तथा उनके फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन निलंबित या निरस्त किया जा सकता हैं , साथ इस क़ानून के तहत मेडिकल स्टोर्स के संचालक को भी दंडित किया जा सकता हैं । उन्होंने बताया है कि यह भी देखा गया है कि कुछ बड़े व्यापारी अपनी मजबूत आर्थिक स्थिति का फ़ायदा उठाने के लिए इस प्रकार की छूट डिस्काउंट के अवैध विज्ञापन से छोटे व्यापारियों के लिए एक प्रतिस्पर्धा पैदा करते हैं । जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों को अपने व्यवसाय में बड़ा संकट पैदा हो जाता हैं ।
डॉ. शास्त्री ने बताया की मध्यप्रदेश फार्मेसी कौंसिल ने डिस्काउंट संबंधी बोर्ड लगाने को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया है तथा प्रतिस्पर्धा कानून 2022 की धारा 4 के अनुसार इससे हमारे देश प्रदेश के विकास पर भी प्रतिकूल असर पड़ता हैं तथा जनहित के विरुद्ध है । प्रतिस्पर्धा आयोग इस कृत्य के लिए दंडित भी कर सकता हैं । इस लिए मध्य प्रदेश फ़ार्मेसी कौंसिल व जिला केमिस्ट एसोसिएशन सभी दवा विक्रेताओं से निवेदन करता हैं कि तत्काल इस तरह विज्ञापन व छूट ( डिस्काउंट ) या प्रलोभन देने वाले विज्ञापनों को प्रदर्शित करने वाले कोई बोर्ड हो तो उन्हें तुरंत हटा दें एवम् अपने प्रतिष्ठानो पर किसी भी तरह की कार्यवाही से बचा जा सके ।









