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धार/कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया।

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पुनः शाला प्रवेशी छात्राओं और पालकों को करेंगे सम्मानित

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की समीक्षा एवं आगामी रणनीति तय

जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न

धार 17 जुलाई 25/कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की प्रगति, क्रियान्वयन एवं भावी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने जानकारी दी कि हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए भोज अस्पताल परिसर में वन स्टॉप सेंटर संचालित है। इसके अतिरिक्त दो नवीन वन स्टॉप सेंटर – मनावर एवं पीथमपुर – स्वीकृत किए जा चुके हैं और संचालनालय से निर्देश प्राप्त होते ही इनका संचालन शुरू किया जाएगा।

कलेक्टर श्री मिश्रा द्वारा “बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ” योजना के अंतर्गत पूर्व वित्तीय वर्ष में हुए कार्यों तथा व्यय की समीक्षा की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि 200 शाला त्यागी बालिकाओं को पुनः विद्यालयों में प्रवेश दिलाया गया है। इन बालिकाओं एवं उनके पालकों को सम्मानित करने हेतु एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि उक्त 200 बालिकाओं के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने जीवन कौशल, साइबर सुरक्षा, जेंडर अधिकार, बाल संरक्षण कानून एवं शिक्षा के अधिकार जैसे विषयों पर सेशन्स आयोजित किए। साथ ही, ब्लॉक स्तर पर अन्य विभागों के समन्वय से विभागीय योजनाओं की जानकारी भी बालिकाओं को दी गई।

वन स्टॉप सेंटर की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए 8 जुलाई 2025 तक पंजीबद्ध 1930 प्रकरणों की जानकारी दी गई, जिनमें से 1647 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।

बैठक में आगामी तिमाही के लिए “बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ” योजना की रणनीति पर सहमति व्यक्त की गई। इसमें जिला एवं खंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठकें, हस्ताक्षर अभियान, बालिकाओं के जन्म पर वृक्षारोपण कार्यक्रम, किशोरियों एवं बालकों को लैंगिक समानता, साइबर सुरक्षा, पोषण, प्रजनन व मानसिक स्वास्थ्य, एमएचएम, जीवन कौशल, करियर मार्गदर्शन एवं बाल विवाह निरोध विषयों पर प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तय की गई।

बैठक में नोडल शिक्षकों, छात्रावास वार्डनों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने तथा बच्चों को मनोसामाजिक समर्थन प्रदान करने पर भी सहमति जताई

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