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धार,भाजपा ने आपातकाल के काला अध्याय का 50 वर्ष होने पर सेमिनार आयोजित कर लोकतंत्र सेनानी सम्मान किया।

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*भाजपा ने आपातकाल के काला अध्याय का 50 वर्ष होने पर सेमिनार आयोजित कर लोकतंत्र सेनानी सम्मान किया*

*लोकतंत्र सेनानी नहीं होते तो आज देश में लोकतंत्र नहीं होता – लोकतंत्र सेनानी विक्रम वर्मा*

*कांग्रेस ने विपक्ष के साथ ही देश की जनता पर अत्याचार किए गए – गोपीकृष्ण नेमा*

धार। 25 जून भारत के राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय है,जिसमें तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने सत्ता के मोह,राजनीतिक अहंकार और विपक्ष मुक्त देश की लालसा में आपातकाल जैसा काला निर्णय देश पर थोपा। यह निर्णय लोकतंत्र की हत्या के समान था। यह भारतीय लोकतंत्र पर गहरा आघात था।उस स्मृति को पुनः जीवित करने एवं देश के सच्चे लोकतंत्र रक्षकों को सम्मानित करने के लिए भाजपा जिला कार्यालय में बुधवार को भाजपा ने आपातकाल के काला अध्याय का 50 वर्ष होने पर सेमिनार आयोजित कर लोकतंत्र सेनानी सम्मान किया। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं लोकतंत्र सेनानी श्री विक्रम वर्मा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व विधायक इंदौर गोपीकृष्ण नेमा भाजपा जिला अध्यक्ष महंत निलेश भारती ने सेमिनार को संबोधित किया। सर्व प्रथम अतिथियों ने भारत माता व पितृ पुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्रों पर माल्यार्पण दीप प्रज्वालित कर आरंभ किया।
इस दौरान विधायक श्रीमती नीना वर्मा पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष प्रभु राठौर दिलीप पटोदिया मनोज सोमानी कार्यक्रम जिला संयोजक महेंद्र सिंह चाचू बना सह संयोजक अनिल जैन बाबा पूर्व विधायक वेलसिंह भूरिया मंचासीन रहें।
भाजपा जिला अध्यक्ष महंत निलेश भारती ने लोकतंत्र सेनानी श्री विक्रम वर्मा श्रीवल्लभ विजयवर्गीय श्री ओम प्रकाश सोनी का शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया साथ ही मीसाबंदी परिवारजन का कार्यक्रम में सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान आपातकाल पर बनी टेली फिल्म दिखाई गई तथा आपातकाल पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन अतिथियों द्वारा किया गया।
लोकतंत्र सेनानी विक्रम वर्मा ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे हो रहे है। इन 50 वर्षों में देश ने कई बदलाव देखे है। आज आपातकाल के बाद तीसरी पीढ़ी है और इस पीढ़ी को भी आपातकाल के काले अध्याय के बारे में जानने की आवश्यकता है। किस प्रकार से आंतरिक अशांति के नाम पर कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोप दिया । इंदिरा गांधी की सत्ता को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को उनके निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया। इंदिरा गांधी ने सत्ता की लोलुपता के कारण लोकतंत्र का गला घोंटने का दुष्कर्म किया और आज कांग्रेस कहती हैं संविधान खतरे में हैं ।लोकतंत्र सेनानी नहीं होते तो आज देश में लोकतंत्र नहीं होता। अगर कांग्रेस को 1977 में जीत मिल जाती तो आज देश में लोकतंत्र का नहीं गांधी परिवार राज होता ।
वक्ता पूर्व विधायक इंदौर गोपीकृष्ण नेमा कहा कि आज से 50 साल पहले कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया गया जो आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हे वे अपना इतिहास भी देखे कि देश में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किसने किया है। मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिए गया । पूरे देश को जेल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। विपक्ष के साथ ही देश की जनता पर अत्याचार किए गए और तो और अत्याचार की पराकाष्ठा की गई ।
निलेश भारती ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित इस सेमिनार में लोकतंत्र सेनानी के रूप में हमारे बीच लोकतंत्र सेनानी भी उपस्थित हैं। आज आपातकाल के काले अध्याय को 50 वर्ष पूरे हो गए है। हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने कष्ट ओर यातनाएं झेल कर लोकतंत्र को बचाने का काम किया।
कार्यक्रम का संचालन टोली सदस्य रवि पाठक व आभार अनिल जैन बाबा ने माना उक्त जानकारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी संजय शर्मा ने दी।