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झकनावदा/ पेटलावद स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर आज उनके प्रतिमा स्थल पर लगेगा अनुयायियो का मेला।

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स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर आज उनके प्रतिमा स्थल पर लगेगा अनुयायियो का मेला।

(पेसा कानून के जनक थे स्वर्गीय भूरिया)

(प्रतिमा स्थल पर लगेगा आज अनुयायियों का मेला, 6 बार सांसद चुने गए भूरिया)

झकनावदा/ पेटलावद:-(राजेश काॅसवा)

झाबुआ पेसा कानून के जनक कद्दावर आदिवासी नेता स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की 24 जून को दसवीं पुण्यतिथि है। इस दौरान मेघनगर नाका स्थित उनकी प्रतिमा पर सुबह 10 बजे से उनके अनुयायियों का मेला लगेगा। स्वर्गीय भूरिया आदिवासियों में सर्वमान्य नेता थे। वे 6 बार सांसद रहे। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के साथ ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी संभाली।
इन कामों के लिए हमेशा याद किये जाते स्वर्गीय भूरिया ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष रहते हुए मुख्य कार्यालय भवन पीली कोठी को बैंक के लिए खरीद कर उपलब्ध करवाया। अपने कार्यकाल के दौरान चांदी गिरवी रखकर किसानों को ऋण उपलब्ध करवाने की पहल की। जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार झाबुआ की स्थापना कर संस्थापक अध्यक्ष निर्वाचित हुए। जिला थोक उपभोक्ता भंडार के माध्यम से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकान खुलवाई। विद्यार्थियों के लिए कम दर पर पाठ्य सामग्री निर्माण कर वितरित करने का कार्य किया गया। झाबुआ में सहकारिता के माध्यम से घरेलू गैस वितरण का कार्य जिला थोक उपभोक्ता भंडार को दिलवाने का श्रेय भी स्वर्गीय भूरिया को जाता है।राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष रहते हुए नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सहकारी संघ का सम्मेलन आयोजित किया जिसमें विश्व के 156 देशों ने सहभागिता कर भारत में चल रहे सहकारी आंदोलन और स्वर्गीय भूरिया की नेतृत्व कुशलता को देखा।आदिवासियों के रीति रिवाज और उनकी परंपराओं के साथ जल, जंगल और जमीन पर उनके अधिकारों को लेकर स्वर्गीय भूरिया के द्वारा अनेक कानूनों का सृजन करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया। जिसका लाभ जनजातीय समाज की आने वाली पीढ़ियों को मिलता रहेगा। पेटलावद विधानसभा की जीवन रेखा माही परियोजनाओं स्वीकृत कराने में अहम भूमिका निभाईं। लंबे समय तक इसके लिए संघर्ष करना पड़ा। तब जाकर 28 साल बाद परियोजना पूर्ण हो पाई।माही सिंचाई परियोजना से आज पेटलावद क्षेत्र के 34000 हेक्टर क्षेत्र सिंचित हो रहा है और हजारों किसानों को इसका लाभ मिल रहा है।
मेघनगर रेलवे स्टेशन के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज मेघनगर में करवाने का काम भूरिया जी के द्वारा किया गया। संसदीय क्षेत्र में अनेक सिंचाई परियोजना के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही।अलीराजपुर झाबुआ और थांदला में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना करवायी। झाबुआ में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति दिलाई।
झाबुआ में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज की मंजूरी दिलाई। मेघनगर एवं राणापुर में शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत कराए। मेघनगर में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण काम भी स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया के द्वारा किए गए। जनजाति समाज के मसीहा श्रद्धेय स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया ने झाबुआ अलीराजपुर जैसे दूरस्थ आदिवासी अंचल को मुख्य धारा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य उनके द्वारा किया गया। आज उन्हीं के पदचिन्हो पर चलकर स्वर्गीय भूरिया की बेटी एवं पेटलावद विधानसभा की विधायिका एवं मध्यप्रदेश शासन में कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया पूरे झाबुआ जिले एवं पेटलावद विधानसभा में सतत प्रयत्नशील होकर विकास कार्यों में गति देकर जन-जन की सेवा का कार्य उनके द्वारा किया जा रहा है एवं अपने पिता के सपनों को साकार करने का कार्य सुश्री निर्मला भूरिया के द्वारा किया जा रहा है। झाबुआ जिले के जननायक श्रद्धेय स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की पुण्यतिथी पर भावभीनी श्रध्दांजलि।