कला समेकित प्रशिक्षण द्वितीय चरण दिनांक 7 जून 2025 से 9 जून 2025 तक आनंद विद्यालय धार में आयोजित किया गया जिला शिक्षा अधिकारी महोदय श्री लक्ष्मण देवड़ा जीके मार्गदर्शन में यह आयोजन किया गया । इस प्रशिक्षण महत्वपूर्ण भूमिका यह थी कि प्रचलित विषय गणित ,विज्ञान, कला, रसायन ,हिंदी आदि को कला से कैसे जोड़कर बच्चों को पढ़ाया जाए ताकि उनमें पढ़ने की अभिरुचि जागृत हो सके इस कार्य के लिए
नोडल अधिकारी श्री –श्री राम—-पाटिल सर
मुख्य प्रशिक्षक
1.श्रीमती नीता शर्मा
2.श्रीमती रीता तिवारी
3.तुलसीराम बामनिया-
तथा धार जिले के हाई स्कूल और वह हायर सेकेंडरी से लगभग 135शिक्षक शिक्षिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपस्थित रहे।
मुख्य प्रशिक्षकों नेबताया कि कला को पाठ्यक्रम के अन्य विषयों में एकीकृत करके या कला के माध्यम से अन्य विषयों को सीखने के लिए एक माध्यम बनाकर किया जा सकता है। कला का उपयोग विषय सामग्री को दृश्य रूप से प्रदर्शित करने, विभिन्न विषयों को समझने और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है। विषयों की जानकारी को अधिक स्पष्ट और मनोरंजक तरीके से प्रदर्शित करती है।कला छात्रों को विभिन्न तकनीकों का उपयोग करने और कलाकृतियाँ बनाने के लिए प्रेरित करती है।
कला एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से मनुष्य समय और स्थान के पार मूल्यों, छापों, निर्णयों, विचारों, दर्शन, आध्यात्मिक अर्थों, जीवन के पैटर्न और अनुभवों को प्रसारित करते हुए विशिष्ट सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत पहचान विकसित करते हैं।
मुख्य प्रशिक्षकों में ने अपने प्रशिक्षण के दौरान मूल चार बातों पर जोड़ दिया *अध्ययन अध्यापन अभ्यास और व्यवहार* यह चार तत्व होंगे तो विद्यार्थी में श्रेष्ठ गुण का विकास हो पाएगा उपस्थित प्रशिक्षणार्थी को 12 समूह में बांट दिया गया समूह रामधारी सिंह दिनकर
हरिवंश राय बच्चन ,भरत मुनि,कालिदास,सूरदास,प्रेमचंद, डॉ अब्दुल कलाम आजाद ,भवभूति,ऋषि सान्दीपनि,बिहारी लाल,भवभूति—-
रवींद्रनाथ टैगोर
इन समूह के द्वारा उनके जीवन काल में किए गए कार्यों ,लेखन जैसे नाट्य शास्त्र कविता और आत्मकथा को शिक्षकों द्वारा प्रेरक प्रसंग के माध्यम से सारगर्भित तरीके से उपस्थित प्रशिक्षणार्थी को मार्गदर्शित किया मुख्य प्रशिक्षक द्वारा लगातार चित्रों के माध्यम से गणित को और विज्ञान को कैसे जोड़ा जाए इस कला का सूक्ष्मता से अध्ययन कराया अबूझ की पहेलियां को कितनी सरलता से हल कर सके ऐसे बारीक बारीक बिंदुओं से परिचय कराया STEAM के आधार पर छोटे-छोटे मॉडलों के माध्यम से जीवन उपयोगी वस्तुओं का प्रदर्शन कर उपस्थित प्रशिक्षणार्थी को प्रेरित किया जिसके माध्यम से शिक्षा जगत में नवाचार किया गया जहाँ पर निम्न बिदुओं के आधार सिखा गया
① निरंतर सीखने की कला का विकास करना
② शिक्षण विधि में अन्तराल की पहचान
③ सहभागिता का बढ़ावा
④ रचनात्मक कार्य को सम्पादित करना
⑤ स्व का मूल्यांकन
⑥ स्पष्टता, खोजशील बनाया
⑦ प्रस्तुतीकरण का तरीका
⑧ क्रियाशीलता
⑨ सन्तुलित दृष्ट्रिकोण
10 संक्षिप्त में विषय-वस्तु को प्रकट करना
11 अतिरिक्त समय न लेना ताकि वातावरण ऊब का आभास न हो
12 समक्ष प्रत्यक्ष जुडने हेतू आपके पास चित्र, दोहे, पंक्तिया, आदि का समावेश यह आवासीय प्रशिक्षण श्रेष्ठ उदाहरण के रूप में देखा गया जहां स्वादिष्ट भोजन और उपलब्ध सुविधाओं ने प्रशिक्षण को उत्साहित किया अंत में सभी
प्रशिक्षणार्थी को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया
श्रेष्ठ व्यवस्था को पूर्णता देने के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के के एफसी श्री भरत डोडिया एवं उनके सहकर्मीश्री वीरेंद्र शर्मा–श्री रवि सेंगर–श्री विशाल वर्मा श्री राधे श्याम सोनी घर का योगदान रहा है।
अंत मे आभार प्रदर्शन किया गया जिला शिक्षा अधिकारी महोदय के कुशल मार्गदर्शन में द्वितीय चरण का कला समिति प्रशिक्षण संपन्न हुआ ।
